मेरा दिल
मेरा दिल
मेरा दिल ही मेरा दुश्मन भी दोस्त भी
कभी समझता है कभी समझाता है
कभी मान लेता है कभी रूठ जाता है
ना सुनो इसकी तो क्या क्या नखरे दिखाता है।
मनमानियां करना बहुत हैं पसंद इसको
नादानियां इसकी पड़ती भारी बड़ी मुझको
गुस्ताख और शोख भी है किसी बच्चे के ही जैसा
मचल जाए कब कहां किसपर भरोसा कुछ नहीं इसका।
कभी सुनता भी है समझ भी जाता है
सही गलत पहचान कर मुस्कुराता है
फिर भी भावुक है और ना जाने क्यूं
लोगों की बातों में आकर चोट खुद पे खाता है।।
आभार – नवीन पहल – ०१.१०.२०२२ ☺️☺️
# प्रतियोगिता हेतु
Supriya Pathak
02-Oct-2022 10:58 PM
Bahut khoob 💐👍
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Raziya bano
02-Oct-2022 09:38 AM
Nice
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Shashank मणि Yadava 'सनम'
02-Oct-2022 09:08 AM
Wahhh अद्भुत अद्भुत अद्भुत
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